19 June 2011

डा० वीरेन्द्र आज़म की हाइकु कविताएँ

 साहित्यकार और पत्रकार डा० वीरेन्द्र आज़म मुख्य रूप से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में हाइकु कविता से प्रभावित होकर आप हाइकु लिख रहे हैं।
सहारनपुर से प्रकाशित होने वाली पत्रिका " शीतल वाणी " का सम्पादन डा० वीरेन्द्र आज़म कर रहे हैं।
"गाथा पाँव धोई की " उनकी प्रकाशित कृति है।
डा० वीरेन्द्र आज़म को अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
" हाइकु 2010 " में आपकी हाइकु कविताओं को सम्मिलित किया गया है।
सहारनपुर से प्रकाशित  हाइकु संकलन  "इन्द्र धनुष" में आपके हाइकु प्रकाशित हुए हैं।

सम्प्रति - मुख्य उप सम्पादक, दैनिक जनवाणी, मेरठ ।

सम्पर्क सूत्र-
2-सी / 755, पत्रकार लेन
प्रद्युमन नगर
सहारनपुर (उ०प्र०)
मोबा. 9412131404
ई मेल- virendraaazam@yahoo.com




निकली धूप
तो किया मेकअप
दरख्तों ने भी ।




इतरा रही
खुश्बू से लदी हवा
गाँव-गाँव में ।




जब तक हैं
बुजुर्गों के आशीर्वाद
सुरक्षित हूँ ।




सोकर उठा
पूरब की गोद से
दिन आज भी ।




नहीं हारती
जिजीविषा कभी भी
तुम क्यों हारे ।




रोटी जानती
अंगारों की तासीर
अंगारे नहीं ।




प्यास के लिए
समुद्र ढूँढ़े पानी
नदी-नदी में ।




फिर निकलीं
पेड़ पर कोंपलें
जवाब देने ।




प्रातः पेड़ों से
कपास ओटता है
दिनकर भी ।


-  डा० वीरेन्द्र आज़म

1 comment:

त्रिलोक सिंह ठकुरेला said...

Bahut Achchhe Haiku.
TRILOK SINGH THAKURELA,
Bunglow No. L-99,
Opp. Railway Hospital,
ABU ROAD (RAJ.)
trilokthakurela@yahoo.com