30 June 2011

सुरेश कुमार की हाइकु कविताएँ

प्रो० सुरेश कुमार
ए - 45, वेलकम अपार्टमेंट्स
सेक्टर - 9
रोहिणी
दिल्ली- 110085




वर्षा की बूंदें
पौधों के पत्तों पर
चमकें मोती




धवल मेघ
नीले आसमान पर
रुई के फाहे




जीना सार्थक
तभी जब पता हो
अर्थ जीने का




महानगर में
रेंगते चींटियों से
लघु मानव




हर इंसान
अपने में अकेला
हलकी लौ-सा



- सुरेश कुमार

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