साथ तुम्हारा
जि़न्दगी की धूप में
शीतल छाया ।
तुमसे दूर
यादों में लिपटी मैं
साथ तुम्हारे ।
काली कमाई
चढ़ा दिया प्रसाद
हुए निश्चिन्त ।
खुश है झूठ
लटकी तलवार
सच के गले ।
टँके सितारे
सज गई संध्या की
नीली चूनर ।
-ममता किरण
304, लक्ष्मीबाई नगर
नयी दिल्ली- 110023
जि़न्दगी की धूप में
शीतल छाया ।
तुमसे दूर
यादों में लिपटी मैं
साथ तुम्हारे ।
काली कमाई
चढ़ा दिया प्रसाद
हुए निश्चिन्त ।
खुश है झूठ
लटकी तलवार
सच के गले ।
टँके सितारे
सज गई संध्या की
नीली चूनर ।
-ममता किरण
304, लक्ष्मीबाई नगर
नयी दिल्ली- 110023
3 comments:
Mamta Kiran ji
Aapke haiku man ko chhoo gaye.
Badhai.
TRILOK SINGH THAKURELA
trilokthakurela@yahoo.com
बहुत सुंदर हाइकु लिखे हैं ममता जी ।
टँके सितारे
सज गई संध्या की
नीली चूनर ।
इसके मोहक बिंब के लिए तो बस वाह ! और क्या ?
बहुत सुंदर हाइकु लिखे हैं ममता जी ।
टँके सितारे
सज गई संध्या की
नीली चूनर ।
इसके मोहक बिंब के लिए तो बस वाह ! और क्या ?
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