04 जुलाई 1982 को मोथरोवाला, देहरादून (उत्तराखण्ड) में जन्मे नवल किशोर नवल (नवल बहुगुणा) गीत एवं हाइकु का सृजन कर रहे हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नवल जी की रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैं। हाइकु कविता पर नवल जी की बहुत अच्छी पकड़ है।
"हाइकु - 2009" संकलन में आपकी हाइकु कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।
नवल किशोर नवल का सम्पर्क सूत्र है-
- नवल किशोर नवल
ग्राम पोस्ट- मोथरोवाला
देहरादून (उत्तराखण्ड)
मोबा. - 09456120355
email- kavinaval@gmail.com
पेड करते
अनुलोम विलोम
संग हवा के।
मेघ बरसा
नदी को पर लगे
उडी सहसा।
बरसे घन
नदी ने तोड़ डाले
तट बंधन।
अंकुर फूटा
बंजर अधरों पे
गीत सरीखा।
निकला चांद
गहन अंतस से
जैसे कविता।
जाडे़ की धूप
मूगफली बीनती
छत पे बैठ।
पंछी चहके
हरियल फुनगी
इच्छा बहके।
हुई सुबह
सृष्टि करने लगी
स्वस्ति-वाचन।
डिम्ब फोड के
गहन तिमिर का
चहकी भोर ।
बीते बरस
पीते हुए गीतों का
गाँजा चरस।
बूढ़ा पहाड़
लपेटे मफलर
श्वेत बर्फ का ।
सियाह रात
रखे चोर जेब में
नया प्रभात ।
सुमनों पर
बैठकर वसन्त
करे भ्रामरी ।
-नवल किशोर नवल
"हाइकु - 2009" संकलन में आपकी हाइकु कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।
नवल किशोर नवल का सम्पर्क सूत्र है-
- नवल किशोर नवल
ग्राम पोस्ट- मोथरोवाला
देहरादून (उत्तराखण्ड)
मोबा. - 09456120355
email- kavinaval@gmail.com
पेड करते
अनुलोम विलोम
संग हवा के।
मेघ बरसा
नदी को पर लगे
उडी सहसा।
बरसे घन
नदी ने तोड़ डाले
तट बंधन।
अंकुर फूटा
बंजर अधरों पे
गीत सरीखा।
निकला चांद
गहन अंतस से
जैसे कविता।
जाडे़ की धूप
मूगफली बीनती
छत पे बैठ।
पंछी चहके
हरियल फुनगी
इच्छा बहके।
हुई सुबह
सृष्टि करने लगी
स्वस्ति-वाचन।
डिम्ब फोड के
गहन तिमिर का
चहकी भोर ।
बीते बरस
पीते हुए गीतों का
गाँजा चरस।
बूढ़ा पहाड़
लपेटे मफलर
श्वेत बर्फ का ।
सियाह रात
रखे चोर जेब में
नया प्रभात ।
सुमनों पर
बैठकर वसन्त
करे भ्रामरी ।
-नवल किशोर नवल
5 comments:
pratyek panktiyaan dil ko chhoo gayi .........atyanta madhur
Prare NAVAL ji
Bahut Achha Likhate Ho.
TRILOK SINGH THAKURELA
Bungla No. L-99,
Opp.Railway Hospital,
ABU ROAD (RAJASTHAN)
Mob.-09460714267
बहुत खूब नवल...
धन्यवाद ठकुरेला जी
धन्यवाद प्रशान्त जी
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