09 January 2013

पीर मन की


पीर मन की
कहने बह चले
निःशब्द आँसू

-हेमन्त रिछारिया
फेसबुक से साभार

2 comments:

Anonymous said...

बहुत ख़ूब ..

संध्या आर्य said...

सुन्दर ! वाह !